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कविता

भूल जाना मुझे

येव्‍गेनी येव्‍तूशेंको

अनुवाद - वरयाम सिंह


भूल जाना मुझे
अवश्‍य भूल जाना
एक पल के लिए भी यदि अच्‍छा लगे
भूल जाना मुझे।
भूल जाना
अँधियारे तायगा के झोंकों की तरह
इन झोंकों के प्रति हमारी विवशता की तरह।

भूल जाना मुझे
जैसे भुलाया जाता है अपने आपको
और भूल जाने पर भी
हम होते हैं जो हैं वास्‍तव में।
भूल जाना मुझे
आग की चमक ही तरह
जिसकी लपटों ने झुलसाया तुम्‍हें,
डराया अपनी गरमाहट से
और घेरे रखा शीत के भय से।

भूल जाना मुझे
जैसे भुला दी जाती है
अँधेरे जंगल से गुजरती रेलगाड़ी
जिसकी दहकती खिड़कियाँ
दस्‍तक नहीं देतीं स्‍मृतियों पर।

हिम्‍मत रखना, सोचना -
मैं जैसे रहा ही न हूँगा इस संसार में
यह इतने महत्‍व का नहीं,
बस, तुम देखते रहना
चिंतित और आर्द्र,
बने रहना युवा, बिकना नहीं किसी के हाथ।

पर, न भूलने का अधिकार प्राप्‍त है उन्‍हें
जिन्‍हें भुला दिया गया है
कैसे सपने देखेंगे जीवित लोग
निर्भर करता है मृतकों पर।

 


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